• परियोजना को राज्य सरकार, नीति आयोग एवं वित्त मंत्रालय की मंजूरी आवश्यक : अश्विनी वैष्णव
  • अमृत भारत स्टेशन योजना अंतर्गत उत्तराखंड के 11 स्टेशन चयनित; प्रमुख स्टेशनों पर कार्य प्रगति पर
  • 2014–25 के बीच 106 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज बने; ₹158 करोड़ की लागत से 9 और स्वीकृत

देहरादून : केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोक सभा में नैनीताल के सांसद अजय भट्ट द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सदन को सूचित किया कि टनकपुर-बागेश्वर नई लाइन (170 कि.मी.) के लिए फील्‍ड सर्वेक्षण पूरा हो गया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना की लागत 48,692 करोड़ रूपए आंकी गई है। इस परियोजना में यातायात संभावनाएं कम हैं।

रेल मंत्रालय ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने के बाद, परियोजना की स्वीकृति के लिए राज्य सरकारों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श और नीति आयोग, वित्त मंत्रालय आदि से आवश्यक अनुमोदन अपेक्षित होते हैं। चूंकि परियोजनाएं स्वीकृत करना सतत और गतिशील प्रक्रिया है, इसलिए कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं की जा सकती है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में रेल अवसंरचना के लिए बजट आवंटन लगभग 25 गुना बढ़ा है। 2009–14 में ₹187 करोड़ प्रति वर्ष से बढ़कर 2025–26 में ₹4,641 करोड़ बजट हो गया है। 01 अप्रैल 2025 तक, राज्य में 216 किलोमीटर लंबाई की तीन नई रेल लाइनों को ₹40,384 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया है।

रेल मंत्रालय के अनुसार देवबंद–रुड़की नई रेल लाइन परियोजना (27 किमी) पूरी हो गई है, जिससे दिल्ली–देहरादून की दूरी लगभग 40 किमी कम हो जाएगी। ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन (125 किमी), जो उत्तराखंड के हिमालयी भू-भाग से होकर गुजरने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना है, तेजी से प्रगति कर रही है। प्रस्तावित 16 मुख्य सुरंगों और 12 एस्केप सुरंगों में से क्रमशः 13 और 9 पूरी हो चुकी हैं, साथ ही सभी 8 एडिट्स भी पूरे किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर 213 किमी की परिधि में से 199 किमी की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है।

रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड में 11 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के लिए चुना गया है जिनमें देहरादून, हरिद्वार जं., हर्रावाला, काशीपुर जं., काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं जं., रामनगर, रूड़की, टनकपुर शामिल है। साथ ही 2014–25 के बीच उत्तराखंड में106 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज बने और ₹158 करोड़ की लागत से 9 और इस तरह के ब्रिज स्वीकृत किये गए हैं।

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